बस चन्द दिनों की तो बात है,
उनकी हमारी हुई मुलाक़ात है,
मुलाकात की तो बस बात है,
एक दो बार की मुलाकात है,
वो अपने आपे में थे,
हम अपने सहापे में थे,
कुछ बात उनकी तरफ से थी,
कुछ बात हमारी तरफ से थी,
यूँ ही बातों-बातों में,
थोड़ी बहुत मुलाकातों में,
वक्त गुजरता चला गया,
दिल एक होता चला गया,
उनको न रहा गया,
हमको न रहा गया,
अगली मुलाकात में,
मम्मी-पापा को बुला लिया गया,
अनजानों से मिले थे,
बात समझ गए थे,
तय उन्होंने कर दिया,
आपको आमंत्रण दिया,
.
उनकी हमारी हुई मुलाक़ात है,
मुलाकात की तो बस बात है,
एक दो बार की मुलाकात है,
वो अपने आपे में थे,
हम अपने सहापे में थे,
कुछ बात उनकी तरफ से थी,
कुछ बात हमारी तरफ से थी,
यूँ ही बातों-बातों में,
थोड़ी बहुत मुलाकातों में,
वक्त गुजरता चला गया,
दिल एक होता चला गया,
उनको न रहा गया,
हमको न रहा गया,
अगली मुलाकात में,
मम्मी-पापा को बुला लिया गया,
अनजानों से मिले थे,
बात समझ गए थे,
तय उन्होंने कर दिया,
आपको आमंत्रण दिया,
.
चड़ी हुई आखें, कुछ कह रही हैं,
वो यहाँ नहीं, किसी और मकाँ की खबर दे रही हैं,
इतनी निखर जाओगी, इतनी हसीन हो जाओगी,
सोचा न था ख्वाब में, यूँ ही सबको पसदं आओगी,
तेरे यूँ देखने से, तुझ पर फ़िदा हो गया,
तेरे बिना रहा नहीं जाता, ये क्या हो गया,
आय हाय, इस तरह से अगर यूँ ही हंस देगी,
खुदा कसम, अपनी किस्मत यूँ ही खोल देगी,