बुधवार, 19 अक्टूबर 2011

दिन-ओ-दिन

दिन-ओ-दिन उनको मैं याद करता चला,
उनकी ही याद में दिन-रात काटता चला,
पल-ए-वक्त उनकी ही याद से भरता चला,
जिन्दगी-ए-वक्त में कहीं मिल जाएँ भला,

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