शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

कत्रीना कैफ - 3

कत्रीना कैफ - Katrina Kaif

नागवार गुजरी जिन्दगी,
तेरा दीदार न कर पाया,
तुझे तस्वीरों में तो देखा है,
पर अभी सामने न देख पाया,

मंज़र-ए-हुश्न का तू दरिया है,
डूब भी जाऊं तो मेरा फायदा है,
इश्क का भूत चढ़ गया है,
अब तेरे बिना रहा न गया है,

उल्फत हुई तुमसे,
मुहब्बत हुई तुमसे,
जीने का अंदाज़ आया तुमसे,
न किया कुछ बिना जाने तुमसे,


बरबस ये हुश्न है, ये जवानी है,
तू ताकीद न कर, ये रवानी है,
फ़क्त दिल में उतरी, दीवानी है,
आ मौज कर ले, मस्तानी है,

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