शनिवार, 15 अक्टूबर 2011

अब हमें

अब हमें तन्हा-सा छोड़कर,
कब तक रहोगे यूँ ही,
याद तो हम आयेंगे तन्हाई में,
कब तक रहोगे यूँ ही,


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