जानती थीं आखें, तेरे हाल-ए-दिल को,
पर ओंठ कह न सके,
कोशिश बहुत की तुझसे मिलने को,
पर कदम उठ न सके,
जंजीर तो न थी पाँव में, डाली हमको,
पर पाँव बंधे से लगे,
ज़ज्बात-ए-दिल ने, बहकाया हमको,
पर हम बहक न सके,
हकीकत-ए-जिन्दगी ने, किया रूबरू हमको,
हालात-ए-दिल कह न सके,
बात समझ आई, इज्ज़त-ए-खानदान हमको,
नादान-ए-दिल दे न सके,
मोहब्बत-ए-आस, न दे सकूंगी तुझको,
वक्त जाया न कर सके,
कहीं और निगाह ये डालनी अब तुझको,
मुझसे अच्छी मिल सके,
.
पर ओंठ कह न सके,
कोशिश बहुत की तुझसे मिलने को,
पर कदम उठ न सके,
जंजीर तो न थी पाँव में, डाली हमको,
पर पाँव बंधे से लगे,
ज़ज्बात-ए-दिल ने, बहकाया हमको,
पर हम बहक न सके,
हकीकत-ए-जिन्दगी ने, किया रूबरू हमको,
हालात-ए-दिल कह न सके,
बात समझ आई, इज्ज़त-ए-खानदान हमको,
नादान-ए-दिल दे न सके,
मोहब्बत-ए-आस, न दे सकूंगी तुझको,
वक्त जाया न कर सके,
कहीं और निगाह ये डालनी अब तुझको,
मुझसे अच्छी मिल सके,
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