चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शनिवार, 8 अक्टूबर 2011
मेरी साँसों
मेरी साँसों की लडियां तुम बिन अधूरी हैं,
तुम चले आयो,
मेरी बाहों की कड़ियाँ तुम बिन अधूरी हैं,
तुम चले आओ,
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