चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011
बेबसी-ओ
बेबसी-ओ-अक्नियात की,
आखों से होती है,
जब आखों से आखों मिली हों,
किसे फ़िक्र हालात की होती है,
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