रविवार, 1 मई 2011

नूर बख्शा

नूर बख्शा है खुदा ने तुमको, न तुम इसका गुमान करो |
दाद हम दिया करते हैं, कुछ हम पर भी निगाह करम करो |

फ़िदा मैं

नुमाइश न कर हुस्न की तुझे इश्क ने पुकारा |
हुआ तुझ पर फ़िदा मैं ज़माने को है ये नकारा |