चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शनिवार, 22 अक्टूबर 2011
कुछ पल जो
कुछ पल जो भूले नहीं जाते,
उनके साथ बिताये हर पल याद हैं आते,
न जाने वो कहाँ होंगे,
क्या पता उनको हम याद होंगे,
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