शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011

कत्रीना कैफ - 2

कत्रीना कैफ - Katrina Kaif



उफ़ यह तेरा घूरना यह तेरा मुस्कराना,
दिल पर मेरे इस कलम से तेरा लिखना,

जुल्फों के इस साए में समां जाने को जी चाहता है,
आखों कि इस सोखी में समां जाने को जी चाहता है,
तेरी इस अदा पर मर मिटने को जी चाहता है,
तेरी मुस्कराहट में बस जाने को जी चाहता है,

ख्वाबों कि मल्लिका का ख़िताब तुझे मैंने दिया,
तेरी खूबसूरती तेरी अदा का हक़ मैंने अदा किया,
तुझे ग़रूर नहीं है तेरे हुश्न का यह मैंने कह दिया,
तू झांकती है दिल के अन्दर मैंने महसूश किया,

कत्रीना ये तेरा हुश्न है कि, आखों को ताजगी देता,
तेरी खूबसूरती का आलम दिल को सुकून देता,

.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें