शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

कृतिका कामरा - 4

कृतिका कामरा Kritika Kaamra


तब समझ पाया,
तेरी सोखी, तेरी अदा का राज़,
जब जान पाया,
ईरानी हसीना के हुश्न का राज़,

सही में कहने वाले ने सही जाँचा है,
आंकने वाले ने सही आँका है,
हुश्न तो ईरान का ही,
इस दुनिया में सबसे बाँका है,

आरजू पूरी हुयी ईरानी हुश्न को देखने की,
आज तुझे जो देखा,
हुश्न की देख, देह से नहीं, रूह से देखने की,
आज तेरी रूह को देखा,

अब पता चला तेरे राज़-ए-हुश्न-का,
हुश्न मशहूर है, दुनिया में ईरान का,

.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें