कृतिका कामरा Kritika Kaamra |
तब समझ पाया,
तेरी सोखी, तेरी अदा का राज़,
जब जान पाया,
ईरानी हसीना के हुश्न का राज़,
सही में कहने वाले ने सही जाँचा है,
आंकने वाले ने सही आँका है,
हुश्न तो ईरान का ही,
इस दुनिया में सबसे बाँका है,
आरजू पूरी हुयी ईरानी हुश्न को देखने की,
आज तुझे जो देखा,
हुश्न की देख, देह से नहीं, रूह से देखने की,
आज तेरी रूह को देखा,
अब पता चला तेरे राज़-ए-हुश्न-का,
हुश्न मशहूर है, दुनिया में ईरान का,
तेरी सोखी, तेरी अदा का राज़,
जब जान पाया,
ईरानी हसीना के हुश्न का राज़,
सही में कहने वाले ने सही जाँचा है,
आंकने वाले ने सही आँका है,
हुश्न तो ईरान का ही,
इस दुनिया में सबसे बाँका है,
आरजू पूरी हुयी ईरानी हुश्न को देखने की,
आज तुझे जो देखा,
हुश्न की देख, देह से नहीं, रूह से देखने की,
आज तेरी रूह को देखा,
अब पता चला तेरे राज़-ए-हुश्न-का,
हुश्न मशहूर है, दुनिया में ईरान का,
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