गुरुवार, 13 अक्टूबर 2011

चन्द्रमुखी चौटाला - 3

कविता कौशिक, Kavita Kaushik
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आपका अंदाज़-ए-उर्दू भा गया,
आपकी अदा से अदावत पा गया,
वाह-वाह क्या बात है,
आपकी जुबाँ-ए-उर्दू लाजवाब है,

वो नाज़ुक अंदाज़, आपका आज हटकर था,
वो अदाकारी का अंदाज़, आज आपका नायाब था,

वो लफ़्ज़ों को बोलने का अंदाज़,
हमें बहुत कुछ सिखा गया आज,
आज का आपका नजरिया-ए-नाज़,
आपकी नजाकत दिखा गया आज,

नाज़ुक-ए-हुश्न की हसीना आप फब रही हैं,
आज आप इस लिबास में हसीन लग रही हैं,
आज आपके इस अंदाज़ के हर कोई दीवाने हुए,
आपकी अदाकारी के किस्से गली-गली सुनाने हुए,

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