रविवार, 9 अक्टूबर 2011

वो हमसाया

वो हमसाया बनकर,
मेरे करीब आया,
करीब आकर,
मेरा मन बहलाया,

मन बहलाकर,
मुझे हंसाया,
मुझे हंसाकार,
उसने पटाया,

मुझे पटाकर,
सपना दिखया,
सपना दिखाकर,
दिल लगाया,

दिल लगाकर,
अपना बनाया,
अपना बनाकर,
दूर लाया,

दूर लाकर,
छोड़ आया,
फिर छोड़कर,
लेने न आया,

न आकर,
किस-किस की बनवाया,
रोज़ बनवाकर,
न जाने कितना रुलाया,


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