शनिवार, 8 अक्टूबर 2011

कुछ तो लोग - 11




डॉ. निधि वर्मा

वो गहरी सांस,
जिन्दगी में उतर गयी,
वो बन्द आँख,
वो अपने में उतर गयी,

कुछ बात है आप में,तभी तो वो अपने आप को भूल जाते हैं,
ऊपर से गुस्सा जताते हैं,
पर अन्दर-ही-अन्दर आप में खो जाते हैं,

रोना आ गया,
जिन्दगी की इतनी-सी उनफ़त से,
अब तो रोज़ ही,
मुलाकात होगी इसी तरह उनसे,

किसका गुस्सा,
किस पर प्यार बन कर उतरा है,
खुद खुश होने के लिए,
किसी और को खुश करने उतरा है,

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