शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

कुछ तो लोग - 1



डॉ. निधि वर्मा - कृतिका कामरा

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ये बेचैनी है किसलिए,
जरा नैन से नैन तो मिलाओ,
नज़र दूर है किसलिए,
ज़रा चेहरा तो उठाओ,

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