है कयासे अब हुस्न के लगाए कैसे जाते हैं,
न जाने इस जमाने में दिल मिलाये कैसे जाते है,
है बहुत दूर जिन्दगी अब उससे,
वो जिन्दगी में बुलाये कैसे जाते हैं.
जो वो नहीं है वही होने की कोशिश करते हैं,
जिन्दगी में वो भुलाए कैसे जाते हैं,
.
न जाने इस जमाने में दिल मिलाये कैसे जाते है,
है बहुत दूर जिन्दगी अब उससे,
वो जिन्दगी में बुलाये कैसे जाते हैं.
जो वो नहीं है वही होने की कोशिश करते हैं,
जिन्दगी में वो भुलाए कैसे जाते हैं,
.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें