गुरुवार, 6 अक्टूबर 2011

तुझे भुलाकर

तुझे भुलाकर,
भुला न सके,
तू याद,
दिन-रात आती है,

निगाह,
खुली रखो,
की बंद,
तू ही बस,
नज़र,
आती है,

मेरी तन्हाई में,
मेरी रुखाई में,
बिन बुलाई,
चली आती है,

भगाना,
चाहता हूँ,
तुझे,
तू लौट-लौट,
आती है,

तेरे बिना,
जीना सीख लिया,
क्या यही,
देखने आती है,

तेरी याद में,
रो रहा हूँ,
क्या यही,
देखने आती है,

ऐसे-ऐसे,
वक्त,
वेवक्त चली,
आती है,

बात सही है,
मुझे,
तेरी याद,
बहुत,
आती है,

तू न,
अब,
दिल से,
जाती है,

पल-पल,
तू,
याद,
आती है,

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