चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
आखें मिली
आखें मिली वक्त रुक सा गया |
सांसें मिली वक्त रुक सा गया |
आहें मिली वक्त रुक सा गया |
बाहें मिली वक्त रुक सा गया |
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