बुधवार, 24 अगस्त 2011

किस से

किस से कहें
कैसे कहें,
शुक्रिया अदा करते हैं,
ब्लॉग का,
दिया उसने,
मौका हमें,
अपने दिल के,
गुबार को निकालने का,

न जाने कहाँ-कहाँ भटकते,
किसे-किसे अपना राज़ बताते,
कई तो राज़ का फायदा उठाते,
कई तो हमारा मजाक उड़ाते,

पर अब कोई फ़िक्र नहीं,
यहाँ कोई हमें जानता नहीं,
खुलकर दिल को खोल सकते हैं,
अपना सारा दुःख उड़ेल सकते हैं,

शायद उनकी भी नज़र पड़ जाए,
उनको भी हमारी याद आ जाए,
कुछ अनकहे लफ्ज़ निकल आए,
वो भी हमारी याद में खो जाए,

.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें