गुरुवार, 22 सितंबर 2011

सनम वो

सनम वो जहमत क्यूँ उठाते ही,
गुलाम हाज़िर है,
तलवार न उठाओ कलाई नाज़ुक है,
गर्दन हाज़िर है,


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