चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
मंगलवार, 27 सितंबर 2011
अब कुछ
अब कुछ ख़त लिखने दो,
खता हुयी जो उसकी सजा मिलने दो,
न माफ़ी अब मांगने दो,
सजा सारे जिन्दगी भुगतने दो,
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