चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
बुधवार, 14 सितंबर 2011
हमसे सफ्न
यूँ न हमसे सफ्न हो, जिन्दगी रूठ जायेगी,
दिल टूट जाएगा, जान निकल जायेगी,
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