बुधवार, 14 सितंबर 2011

मेरे आने

मेरे आने तक, वो न रुक सकी,
चली गयी, दो लफ्ज़ न कह सकी,
आंसूं भी बहे होंगे, दिल भी बैठा होगा,
न जाने वो इतनी देर क्यूँ कर बैठा होगा,


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