चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शुक्रवार, 8 जुलाई 2011
इंतज़ार कर
इंतज़ार कर रहीं हूँ, सुबह शाम |
दिन-रात काट रहीं हूँ, सुबह शाम |
तुझसे प्यार कर रही हूँ, सुबह शाम |
समझा दिल को रही हूँ, सुबह शाम |
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