चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
बुधवार, 20 जुलाई 2011
न जताना
न जताना चाहती थी, ज़माने के सामने |
हया उसकी आ गयी थी, उसके सामने |
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