चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शनिवार, 30 जुलाई 2011
किसने कहा
किसने कहा, यूँ हुश्न को बेपरदा कर दो |
रहने दो परदा, दीवानों को विदा कर दो |
2 टिप्पणियां:
G.N.SHAW
30 जुलाई 2011 को 8:34 pm बजे
अलाजबाब ! बधाई
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डॉ. मोनिका शर्मा
30 जुलाई 2011 को 10:24 pm बजे
Khoob Kaha....
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अलाजबाब ! बधाई
जवाब देंहटाएंKhoob Kaha....
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