चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
रविवार, 24 जुलाई 2011
रोक लिया
रोक लिया हुस्न ने की जाओ न अभी |
कुछ देर और बैठो पहलु में मेरे अभी |
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