चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शनिवार, 23 जुलाई 2011
शायरों की
शायरों की जिन्दगी का आलम, शेर में नज़र आता है |
समझ लेता है, हर कोई, यूँ जिन्दगी से गुज़र जाता है |
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