चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
सोमवार, 25 जुलाई 2011
अब पूछते
अब पूछते हो, कितना दुःख तुने सह लिया |
तब न प्यार का, कुछ इस तरह सिला दिया |
.
1 टिप्पणी:
रविकर
25 जुलाई 2011 को 10:40 am बजे
बहुत सुन्दर ||
बधाई ||
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बहुत सुन्दर ||
जवाब देंहटाएंबधाई ||