चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
बुधवार, 13 जुलाई 2011
कुछ वो
कुछ वो परेशान कर रही थी |
कुछ जिन्दगी परेशान कर रही थी |
कुछ संजीदगी ने हाल बुरा किया था |
कुछ आवारगी ने बेपर्दा किया था |
1 टिप्पणी:
रविकर
13 जुलाई 2011 को 2:55 pm बजे
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई ||
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