शनिवार, 2 जुलाई 2011

किधर से

किधर से शुरू करून, किधर से ख़तम करून |
जिन्दगी का फ़साना, कैसे तेरी नज़र करून |
है ख्याल जिन्दगी का, कैसे मुनव्वर करून |
मगरिब के जानिब खड़ा, कैसे तसव्वुर करून |

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