चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शनिवार, 2 जुलाई 2011
वाह वाह !
वाह वाह ! ताबे हयात लग रही हो |
इस लिबाश में भी, नूर-ए-हयात लग रही हो |
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