चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
गुरुवार, 7 जुलाई 2011
रातों की नींद
रातों की नींद, दिन का चैन |
मोहब्बत में होते हैं सब बेचैन |
करवटें बदलते हैं, इधर-उधर टहलते हैं |
मोहब्बत में होते हैं सब बेचैन |
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