चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शुक्रवार, 8 जुलाई 2011
तुझे वक्त
तुझे वक्त किया सोचले अभी |
बाद में न पछताना , सोचले अभी |
गर हो गयी किसी की, सोचले अभी |
पायेगी न मुझे कभी, सोचले अभी |
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