चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
बुधवार, 13 जुलाई 2011
मजबूर थे
हम तो मजबूर थे, मजरूफ़ थे |
तुम न मशहूर थे, न मशगूल थे |
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