चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
रविवार, 10 जुलाई 2011
न देखो
न देखो आईना, सूरत अपनी पता चल जायेगी |
कर न सकोगे यकीन, जो मूरत यूँ ढल जायेगी |
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