मंगलवार, 19 जुलाई 2011

ऐसी किसी



ऐसी किसी राहों पर, होंगी अपनी मुलाकातें |
कोई तो अपनी होगी, जो पकड़ेगी मेरी बाहें |
गुमसुम रहेंगे दोनों, बातें तब न होंगी |
रास्ते पर कदम होंगे, बाँहों में बाहें होंगी |

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