चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
मंगलवार, 19 जुलाई 2011
सवाल जिन्दगी
सवाल जिन्दगी का न होता तो मौत भी कबूल थी |
मलाल दिल का न होता तो मोहब्बत भी कबूल थी |
.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें