चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
सोमवार, 11 जुलाई 2011
इस तरह
इस तरह बेपरवाह घूम रही हो, हुश्न को लेकर |
ज़माने की नज़र में चढ़ रही हो, हुश्न को लेकर |
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