शनिवार, 16 जुलाई 2011

वो खड़ी है

वो खड़ी है,
किसी के इंतज़ार में,
कोई तो आने वाला है,
आखें गडी हैं, राह पर,
तक रही हैं, हर राही को,
दिल बेचैन हो रहा है,
अमन चैन खो रहा है,
बार-बार घडी वो देख रही है,
पर वो खड़ी है,
किसी के इंतज़ार में,

वक्त कुछ गुज़र रहा है,
दिल उसका बैठ रहा है,
सोच कुछ न रही है,
मन अटकलों में जा रहा है,
वो होश खो रही है,
जोश वो खो रही है,
पर जज्बा न खो रही है,
वो अभी न रो रही है,
वो अभी तक खड़ी है,
किसी के इंतज़ार में,

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