इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
बहुत ही अच्छा लिखा है.
शुक्रवार को आपकी रचना "चर्चा-मंच" पर है ||आइये ----http://charchamanch.blogspot.com/
सुंदर प्रयास ...आशा है आप इसे यूँ ही बनाये रखेंगे ....आपका आभार
आप लिखते बहुत अच्छा है ..लेकिन थोडा सा ब्लॉग की सेट्टिंग कर लें ....बढ़िया रहेगा ...अगर कोई समस्या आती है तो मुझे मेल पर सूचित कर दें ...!
आपकी रचना काफी अच्छी लगी ....आगे भी लिखते रहिये
bahut khoob pappu ji .likhte rahiye.badhai.
बहुत ही अच्छा लिखा है.
जवाब देंहटाएंशुक्रवार को आपकी रचना "चर्चा-मंच" पर है ||
जवाब देंहटाएंआइये ----
http://charchamanch.blogspot.com/
सुंदर प्रयास ...आशा है आप इसे यूँ ही बनाये रखेंगे ....आपका आभार
जवाब देंहटाएंआप लिखते बहुत अच्छा है ..लेकिन थोडा सा ब्लॉग की सेट्टिंग कर लें ....बढ़िया रहेगा ...अगर कोई समस्या आती है तो मुझे मेल पर सूचित कर दें ...!
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जवाब देंहटाएंbahut khoob pappu ji .likhte rahiye.badhai.
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