बुधवार, 13 जुलाई 2011

एक तोहफा - 2

सुगंधा मिश्रा को एक तोहफा
Sugandha Mishra 




आपकी नज़र कुछ अर्ज़ किया है |
आपने उसे पसंद किया है |

गुस्ताखी माफ़ हो, दिल अपना साफ़ हो |
इस तरह पेश आने की, सजा माफ़ हो |

जवाब आया है आपका |
दिल भर गया है जनाब का |

आपने ये पसंद किया |
दिल उसका रजामंद किया |

सोचा था कहीं खफा तो न हो जायेंगे |
मेरी इस करनी को खता तो न पायेंगे |
पर दिल उनका बड़ा है |
बडप्पन उनका बड़ा है |

खुदा की नवाजिश उनपर हमेशा रहे |
खुदा उनकी हर ख्वाइश हमेशा पूरी करे |

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