चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
सोमवार, 20 जून 2011
नाज़ुक बदन
हाय यह तेरा नाज़ुक बदन |
आखों की सोखियों का चमन |
लहराती जुल्फों का दामन |
मदमस्त जावानी की उफन |
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