चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शुक्रवार, 24 जून 2011
मुर्बते हुश्न
मुर्बते हुश्न कि तेरे दायरे से न निकल पायेंगे |
मर जायेंगे, मिट जायेंगे, तुझे खुश कर जायेंगे |
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