चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
गुरुवार, 23 जून 2011
bahut vakt
bahut vakt beet gaya, tera deedar abhi tak na hua. tu kuch to is tarah kar, ki mere aakho
n ko bhi sukon kile.
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