चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
सोमवार, 27 जून 2011
आय हाय
आय हाय, इस तरह से अगर तू हंस देगी |
खुदा कसम, अपनी तो किस्मत ही खोल देगी |
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