हसीनाओं के नखरे उठाना, हर किसी कि बात नहीं है |
ये क़त्ल भी करती हैं, फिर पानी भी पूछती हैं |
ये तडपती है, फिर हाल भी पूछती हैं |
यह जुल्म भी करती हैं, फिर मुलाज़मत भी करती हैं |
ये क़त्ल भी करती हैं, फिर पानी भी पूछती हैं |
ये तडपती है, फिर हाल भी पूछती हैं |
यह जुल्म भी करती हैं, फिर मुलाज़मत भी करती हैं |
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