चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
बुधवार, 16 नवंबर 2011
तारीफ़-ए-नज़र
तारीफ़-ए-नज़र ये तेरी नज़र कुछ इशारा, उधर कर रही है,
देख किसी के बहाने किसी और को नज़र इशारा कर रही है,
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