चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शुक्रवार, 11 नवंबर 2011
वो शुबः कर
वो शुबः कर बैठे, क्या ये बात हम उनके लिए कह बैठे,
सोचने लग गए, क्या कोई न कहने वाली बात कह बैठे,
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