चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
मंगलवार, 22 नवंबर 2011
वो राज़-ए-जेहर
वो राज़-ए-जेहर न रख पाया, मेरी बात सारे जहाँ से कह आया,
राज तो उसको दिल का बतलाया, दिल में उसके न समां पाया,
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